प्रिय साथियों,
आज हम एक अत्यंत गूढ़ और गहन विषय पर विचार करेंगे, जो हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी के जाल में उलझे मन को झकझोर कर रख देता है। ओशो ने कहा,
"आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!"
इस उद्धरण में ओशो की एक गहरी सत्यता निहित है, जो हमें यह समझाने का प्रयास करती है कि भविष्य की चिंता में हम आज को खो देते हैं। इस प्रवचन में हम विस्तार से समझेंगे कि कैसे कल की फिक्र में उलझकर हम आज की अनंत संभावनाओं और मौन में छुपे सुखों से वंचित हो जाते हैं, और कैसे वर्तमान में जीने का मतलब ही असली स्वतंत्रता और चेतना का अनुभव करना है।
1. वर्तमान और भविष्य: एक भ्रमित विभाजन
आज वही कल है, यह कथन सुनते ही आपके मन में एक प्रश्न उठता है – वर्तमान और भविष्य में क्या अंतर है? हम अक्सर यह सोचते हैं कि कल कुछ अलग होगा, कि कल की चिंता हमारी सफलता, सुरक्षा और खुशी का आधार है। परंतु ओशो हमें यह बताते हैं कि कल की फिक्र में हम अपने आज को नष्ट कर देते हैं।
हमारी सोच में कल एक अलग इकाई बन जाती है, जिसे हम दूर का सपना मान लेते हैं। लेकिन वास्तव में, कल उसी वर्तमान का ही एक विस्तार है। अगर हम अपने आज में ही जी लेते हैं, तो कल अपने आप एक नई शुरुआत बन जाता है।
"आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!" – यह कथन हमें यह चेतावनी देता है कि भविष्य की चिंता में हम वर्तमान की अनमोल क्षणभंगुरता को खो देते हैं। जब हम कल के बारे में इतना सोचते हैं कि हमारा मन भविष्य की चिंताओं में खो जाता है, तब हम अपने आज की वास्तविकता से कट जाते हैं।
2. कल की फिक्र: एक मानसिक जंजीर
मन एक ऐसा उपकरण है, जो हमें अनंत संभावनाओं की ओर ले जा सकता है। परंतु जब यह भविष्य की चिंता में उलझ जाता है, तो यह एक जंजीर बनकर हमें बाँध लेता है। कल की फिक्र एक ऐसी मानसिक जंजीर है जो हमारी आज की स्वतंत्रता को सीमित कर देती है।
सोचिए, एक पक्षी जो अपने पंख फैलाकर उड़ान भरना चाहता है, परंतु उसके पंखों पर जंजीरें लगी हों। वह पक्षी कितनी भी स्वतंत्र उड़ान भरना चाहे, पर उसकी आज़ादी कहीं सीमित हो जाती है। इसी प्रकार, हमारा मन, जो कल की अनिश्चितताओं में उलझ जाता है, वह हमारी वर्तमान ऊर्जा को बांध लेता है।
जब हम अपने भविष्य के बारे में इतने चिंतित हो जाते हैं कि हमारी आँखें वर्तमान की चमक-दमक से ओझल हो जाती हैं, तो हम उस अनंत शांति से वंचित हो जाते हैं, जो वर्तमान में ही निहित है। हमें यह समझना होगा कि कल का इंतजार करने के चक्कर में हम आज को ही खो देते हैं।
3. वर्तमान में जीने का महत्व
ओशो हमेशा कहते हैं कि वर्तमान ही जीवन है, और जीवन केवल वर्तमान में ही अनुभव किया जा सकता है। जब हम कल की फिक्र में उलझते हैं, तो हम अपने अंदर की उस अनंत ऊर्जा, उस मौन और शांति को अनदेखा कर देते हैं, जो केवल वर्तमान में ही अनुभव की जा सकती है।
आज का हर क्षण एक अनमोल उपहार है। हर सांस, हर पल में अनंत संभावनाएं छुपी हैं। यदि हम वर्तमान में जीते हैं, तो हमें जीवन की असली रचना का अनुभव होता है। वर्तमान में जीने का मतलब है – अपने अंदर की अनंत ऊर्जा को महसूस करना, उस मौन से जुड़ना जो आपकी आत्मा की पुकार है।
आज उसी क्षण में, जब आप अपनी आँखें खोलते हैं, आपके भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। यही वह क्षण है, जब आप स्वयं से मिलते हैं, जब आप अपनी आत्मा की गहराईयों में उतरते हैं।
"आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!" – इस कथन में यह स्पष्ट किया गया है कि कल की चिंता करने से आप आज की अनंत संभावनाओं को खो देते हैं। वर्तमान में जीना ही असली स्वतंत्रता है।
4. भविष्य की अनिश्चितता और वर्तमान की पूर्णता
हम सभी भविष्य के बारे में सोचते हैं। भविष्य में क्या होगा, हम इसका अनुमान लगाते हैं, और इस चिंता में हम वर्तमान के हर सुख को खो देते हैं। परंतु भविष्य की अनिश्चितता ही इसकी खूबसूरती है। जब आप वर्तमान में जीते हैं, तो भविष्य अपने आप एक नई दिशा में प्रकट हो जाता है।
कल्पना कीजिए – एक नदी है, जो हमेशा बहती रहती है। नदी का पानी किसी एक निश्चित क्षण में ठहरता नहीं है, वह निरंतर बदलता रहता है। अगर आप इस नदी के प्रवाह में खुद को समाहित कर लेते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि वर्तमान और भविष्य में कोई अलगाव नहीं है। नदी का हर क्षण एक नया अध्याय है, और वही आपके जीवन का वर्तमान भी है।
जब आप भविष्य की चिंता में उलझते हैं, तो आप उस नदी के प्रवाह से खुद को अलग कर लेते हैं। आपके भीतर की शांति, आपकी आत्मा का मौन, यह सब उस प्रवाह में बहकर चला जाता है। इसलिए, हमें यह समझना होगा कि वर्तमान में जीना ही असली आनंद है, और कल की चिंता में समय व्यर्थ हो जाता है।
5. मानसिक जाल से मुक्ति: ध्यान और आत्म-साक्षात्कार
आज वही कल है – इस सत्य को समझने के लिए हमें अपने मन की उन जंजीरों से मुक्त होना होगा जो हमें भविष्य की चिंता में बाँध लेती हैं। इसका एकमात्र उपाय है – ध्यान। ध्यान वह साधना है जो हमें वर्तमान के हर क्षण में जीवित रखती है।
जब आप ध्यान में बैठते हैं, तो आपका मन बाहरी चिंताओं से परे एक मौन में विलीन हो जाता है। उस मौन में, आप महसूस करते हैं कि भविष्य की कोई चिंता नहीं है, क्योंकि आप अपने अंदर की अनंत ऊर्जा से जुड़े होते हैं। ध्यान के माध्यम से आप अपनी आत्मा की पुकार सुन सकते हैं, और यह समझ सकते हैं कि कल की चिंता केवल एक भ्रम है।
ध्यान केवल एक तकनीक नहीं है; यह एक आत्मिक क्रांति है, जो आपको अपने अंदर की उस शांति से जोड़ देती है, जहाँ भविष्य की कोई चिंता नहीं होती। जब आप ध्यान में लीन होते हैं, तो आपको यह एहसास होता है कि वर्तमान ही आपका असली स्व है, और भविष्य अपने आप आपके सामने प्रकट हो जाता है।
इस साधना के माध्यम से, आप अपनी मन की उन सारी मांगों और चिंताओं को पहचान सकते हैं, जिन्हें आप भविष्य के नाम पर बुनते रहते हैं। और जब आप उन्हें छोड़ देते हैं, तो आप पाएंगे कि आज वही कल है, और कल की फिक्र में खो जाना केवल एक भ्रम है।
6. कल की फिक्र में उलझने का असली मूल्य
बहुत बार हम सुनते हैं कि "कल पर मत सोचो, आज में जीओ!" परंतु वास्तव में समस्या यह है कि हम कल की चिंता में इतना उलझ जाते हैं कि हम अपने आज के क्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। कल की फिक्र हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ हम भविष्य की योजनाओं, सपनों और आकांक्षाओं में खो जाते हैं, और अपने वर्तमान के हर अनुभव को अनदेखा कर देते हैं।
जब आप अपने भविष्य की योजनाओं में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि आप यह भूल जाते हैं कि जीवन का असली सार वर्तमान में ही है, तब आप असल में उस अनंत शांति और मौन से दूर हो जाते हैं, जो आपके अंदर छुपा है। कल की फिक्र एक ऐसी मानसिक प्रक्रिया है, जो आपको बार-बार यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि “मैं क्या पाऊँगा, क्या करूँगा?”
लेकिन इस प्रक्रिया में, आप अपने अंदर की मौलिक ऊर्जा, वह असीम स्वतंत्रता, और उस सहज आनंद को खो देते हैं जो केवल वर्तमान में ही महसूस किया जा सकता है। यह वही कहावत है – "आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!" – यह हमें बताती है कि जो कल की चिंता में खो जाता है, वह आज के उस अमूल्य पल को नष्ट कर देता है।
7. वर्तमान में जीने की कला
अब सवाल यह उठता है – हम वर्तमान में कैसे जी सकते हैं? ओशो की शिक्षाओं में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वर्तमान में जीने की कला को अपनाना ही असली स्वतंत्रता है। वर्तमान में जीना मतलब अपने हर क्षण को पूरी तरह से महसूस करना, बिना भविष्य की चिंता के, बिना अतीत के बोझ के।
इस कला का अभ्यास करने के लिए हमें अपनी सोच को उस क्षण में समाहित करना होगा। जब आप अपने आप से पूछें, “अब क्या हो रहा है?” तो आप पाएंगे कि वर्तमान में हर चीज़ का एक अलग ही स्वाद है, एक अलग ही ऊर्जा है। वर्तमान में जीना आपके अंदर की उस अनंत ऊर्जा को जागृत कर देता है, जो आपके जीवन को एक नया अर्थ प्रदान करती है।
इसलिए, अपने दिन की शुरुआत ऐसे करें कि हर सुबह आप कुछ मिनट केवल अपने आप के साथ बिताएं। चाहे वह ध्यान हो, योग हो या केवल मौन में बैठकर अपनी साँसों को महसूस करना – ये क्षण आपके जीवन को एक नई दिशा देंगे।
याद रखिए, वर्तमान में जीने का मतलब है कि आप अपने अंदर की उस शांति, उस आनंद, और उस स्वाभाविक ऊर्जा को महसूस कर रहे हैं, जो कल की चिंता से बिल्कुल अलग है। यही वह क्षण है, जब आप असली स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं।
8. भविष्य की चिंता का मानसिक प्रभाव
जब हम भविष्य की चिंता में उलझते हैं, तो हमारे मन में अनगिनत संदेह और भय उत्पन्न हो जाते हैं। यह भय हमें न केवल वर्तमान के सुखों से दूर कर देता है, बल्कि हमारी सोच को भी सीमित कर देता है। हम भविष्य की अनिश्चितताओं को लेकर इतने परेशान हो जाते हैं कि हमारी मानसिक ऊर्जा व्यर्थ खर्च हो जाती है।
सोचिए, जब आप लगातार यह सोचते हैं कि कल क्या होगा, तो आप अपने आज के क्षणों में पूरी तरह से उपस्थित नहीं हो पाते। आपकी मानसिक स्थिति में अशांति और अनिश्चितता का घर बन जाता है, और यह स्थिति आपकी समग्र जीवनशैली पर गहरा असर डालती है।
ओशो कहते हैं कि मन को मुक्त करने का एकमात्र उपाय है – वर्तमान में जीना, क्योंकि वर्तमान ही आपकी असली पहचान है। जब आप भविष्य की चिंता से मुक्त हो जाते हैं, तो आपका मन स्वतः ही शांति और संतोष की ओर अग्रसर हो जाता है।
इसलिए, हमें यह सीखना होगा कि भविष्य की चिंता में उलझकर हम अपने आज के अवसरों को खो देते हैं। जो कल की फिक्र हम करते हैं, वह वास्तव में एक भ्रम है, और उसे छोड़कर हमें अपने आज में जीना सीखना चाहिए।
9. जीवन का चमत्कार: वर्तमान का अनुभव
जीवन में चमत्कार उसी समय घटते हैं जब आप वर्तमान में पूरी तरह से जीते हैं। वर्तमान का अनुभव आपको वह अनंत शक्ति देता है, जो आपके अंदर छुपी होती है। जब आप अपने वर्तमान के हर पल को पूरी संवेदना से अनुभव करते हैं, तो आप देखते हैं कि जीवन में कितनी सुंदरता और सहजता निहित है।
हर पल में एक नया संदेश होता है, हर क्षण में एक नई ऊर्जा होती है। वर्तमान में जीने का अर्थ है – उस ऊर्जा को महसूस करना, उस मौन को सुनना, जो आपको बताता है कि आपकी जिंदगी में असली मोक्ष और बैकुंठ वही हैं।
ओशो की इस शिक्षाओं में यही बात निहित है कि अगर आप भविष्य की चिंता में उलझकर अपने आज को खो देते हैं, तो आप उस अनंत ऊर्जा और मौन से वंचित हो जाते हैं जो आपके अंदर हमेशा से मौजूद है। यही कारण है कि कहा जाता है, "आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!"
जब आप वर्तमान का अनुभव करते हैं, तो आप पाएंगे कि जीवन अपने आप में एक अद्भुत उपहार है, और यही उपहार आपको असली स्वतंत्रता का अनुभव कराता है।
10. ध्यान में जीना: एक स्व-परिवर्तन की प्रक्रिया
ध्यान की साधना का अभ्यास करना वर्तमान में जीने का एक प्रमुख उपाय है। जब आप ध्यान में लीन होते हैं, तो आपका मन उन बाहरी चिंताओं से मुक्त हो जाता है जो भविष्य की फिक्र में उलझी होती हैं। ध्यान आपको उस मौन में ले जाता है जहाँ आप अपने आप से मिलते हैं, अपने अंदर की अनंत ऊर्जा को पहचानते हैं।
ध्यान का अभ्यास करने से न केवल आपका मन शांत होता है, बल्कि आपको यह समझ में आता है कि कल की चिंता केवल एक मानसिक जंजीर है, जो आपको अपने आज की सुंदरता से दूर कर रही है। ध्यान आपके मन के हर उस विचार को छांट देता है, जो भविष्य के बारे में चिंता करता है, और आपको वर्तमान में जीने की कला सिखाता है।
जब आप अपने आप को ध्यान में स्थिर कर लेते हैं, तो आप महसूस करते हैं कि हर सांस में, हर क्षण में अनंत संभावनाएं निहित हैं। यही वह क्षण है, जब आप अपने आप से कह सकते हैं, "आज ही मेरी जिंदगी है, कल की फिक्र मुझे अब नहीं करनी।"
इस साधना के माध्यम से, आप अपने आप को उस मानसिक जंजीर से मुक्त कर लेते हैं, जो भविष्य की चिंता में बंधी रहती है, और आपको असली स्वतंत्रता का अनुभव होता है।
11. वर्तमान में जीने का सामाजिक पहलू
हमारे समाज में भी यह एक आम प्रवृत्ति है कि लोग भविष्य की चिंताओं में इतने उलझ जाते हैं कि वे अपने वर्तमान के अनुभवों को भूल जाते हैं। शिक्षा, करियर, संबंध – इन सभी में हम हमेशा भविष्य की योजनाओं, आकांक्षाओं और उपलब्धियों के बारे में सोचते रहते हैं।
परंतु इस मानसिकता में यदि हम ध्यान नहीं लगाते, तो हम अपने अंदर की उस शांति, उस मौन को खो देते हैं जो हमें वास्तविक आनंद और संतोष प्रदान करती है। समाज में यह प्रवृत्ति इतनी व्यापक है कि हम अपने बच्चों से भी यही अपेक्षा करते हैं – कि वे भविष्य के बारे में सोचें, योजनाएँ बनाएं, लेकिन उसी के साथ वर्तमान के छोटे-छोटे पलों को भी न भूलें।
जब आप अपने समाज को देखते हैं, तो आप पाएंगे कि हर कोई कल की चिंता में इतना उलझा है कि उसके चेहरे पर आज की मुस्कान फीकी पड़ जाती है। यही वह बुराई है जो हमारे समाज की चेतना को प्रभावित करती है।
ओशो हमें यही सिखाते हैं कि असली विकास और असली खुशी तब मिलती है, जब हम अपने अंदर के मौन को अपनाते हैं और वर्तमान के हर क्षण को पूरी संवेदना से जीते हैं। समाज में इस सोच का प्रसार होना अत्यंत आवश्यक है, ताकि हम सब मिलकर एक ऐसी दुनिया बना सकें, जहाँ वर्तमान में जीना ही जीवन का मुख्य उद्देश्य हो।
12. आज की ऊर्जा: एक आत्मिक क्रांति
जब हम वर्तमान में जीने का संकल्प लेते हैं, तो यह एक प्रकार की आत्मिक क्रांति का रूप ले लेता है। यह क्रांति आपके मन की उस जंजीर को तोड़ देती है, जो भविष्य की चिंताओं में उलझी रहती है।
यह क्रांति आपको बताती है कि असली शक्ति बाहरी उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आपके अंदर की उस अनंत ऊर्जा में है, जिसे आप वर्तमान में ही अनुभव कर सकते हैं। हर दिन एक नई शुरुआत है, हर सुबह एक नया अवसर है – यह अवसर आपके अंदर की उस अनंत शांति को जगाने का है।
जब आप अपने जीवन में इस क्रांति को स्वीकार कर लेते हैं, तो आप अपने आप से कहेंगे, "आज मेरी जिंदगी है, आज ही मेरे सपने हकीकत बनेंगे।" इस प्रकार, आप अपने आप को उस दिशा में मोड़ते हैं, जहाँ कल की चिंता केवल एक भूत बनकर रह जाती है, और वर्तमान ही आपका असली घर बन जाता है।
यह आत्मिक क्रांति न केवल आपके व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि आपके सामाजिक संबंधों, आपके परिवार और आपके आस-पास के वातावरण को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। जब आप अपने अंदर की उस ऊर्जा को पहचान लेते हैं, तो आप अपने जीवन में एक अद्वितीय परिवर्तन का अनुभव करते हैं।
13. कल की चिंता से मुक्ति: एक नया संकल्प
अब, प्रिय साथियों, समय आ गया है कि हम कल की चिंता को अपने जीवन से बाहर निकाल दें। हमें यह संकल्प लेना होगा कि अब हम भविष्य की अनिश्चितताओं में उलझकर अपने आज को खोने नहीं देंगे।
अपने आप से यह कहें – "मैं अपने वर्तमान में जीना चाहता हूँ, मेरी जिंदगी मेरे अंदर है, और कल की चिंता केवल एक भ्रम है।" इस संकल्प को अपने दिल में उतार लें, और देखें कि कैसे आपकी जिंदगी में एक नई ऊर्जा, एक नई जागृति का संचार होता है।
यह संकल्प आपको बताता है कि आप अपने जीवन को पूर्णतः वर्तमान में जीने का फैसला कर चुके हैं। अब आप कल की फिक्र में समय व्यर्थ नहीं करेंगे, बल्कि हर पल को अपनी पूरी संवेदना से जीएंगे। यही वह तरीका है, जिससे आप अपने अंदर की उस अनंत शांति को प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके असली मोक्ष और स्वतंत्रता का मार्ग है।
14. आंतरिक संवाद: अपने आप से मिलना
एक और महत्वपूर्ण पहलू है – अपने आप से संवाद करना। जब हम अपने अंदर झांकते हैं, तब हमें अपनी आत्मा की पुकार सुनाई देती है, और यही वह क्षण होता है जब आप समझते हैं कि असली जिंदगी वर्तमान में है।
अपने आप से बात करें, अपने मन के विचारों को सुनें, और यह समझें कि कल की चिंता केवल एक मानसिक भ्रम है। जब आप अपने आप से इस प्रकार का संवाद स्थापित कर लेते हैं, तो आपको महसूस होता है कि आपकी जिंदगी का असली सार वहीं है, जो अभी आपके सामने है।
इस संवाद में आप पाएंगे कि आपके अंदर वह अनंत शक्ति, वह मौन, वह शांति छुपी है, जिसे आपने कल की फिक्र में भूल जाना था। इस आंतरिक संवाद के माध्यम से आप अपने आप को समझते हैं, और फिर आप अपनी जिंदगी को एक नए दृष्टिकोण से देखने लगते हैं।
15. वर्तमान की सुंदरता: जीवन का वास्तविक आनंद
जब आप वर्तमान में जीते हैं, तो आपको महसूस होता है कि हर क्षण में एक अनमोल सुंदरता निहित है। आपके चारों ओर के वातावरण की मधुरता, आपके दिल की धड़कन, आपकी साँसों का संगीत – यह सब मिलकर जीवन का असली आनंद प्रदान करते हैं।
यह वही आनंद है, जिसे प्राप्त करने के लिए हमें कल की चिंता छोड़कर अपने आज में जीना सीखना होगा। हर पल को जीने का अर्थ है – उस क्षण में पूरी तरह से उपस्थित रहना, अपने अंदर की ऊर्जा को महसूस करना, और उस मौन को अपनाना, जो आपकी आत्मा की सच्ची आवाज़ है।
ओशो कहते हैं कि जिंदगी केवल एक पल है, और उस एक पल में ही अनंत संभावनाएं छुपी हैं। जब आप इस बात को समझ लेते हैं, तो आप अपने आप से कहते हैं, "आज मेरी जिंदगी है, और यही मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।" इस प्रकार, आप अपने जीवन में एक अद्वितीय आनंद का अनुभव करते हैं।
16. ध्यान, साधना और वर्तमान में जीने का संबंध
ध्यान और साधना का अभ्यास हमारे जीवन में वर्तमान में जीने का सबसे प्रभावी उपाय है। जब हम इन साधनाओं के माध्यम से अपने मन को शांत करते हैं, तो हम अपने अंदर की उस अनंत ऊर्जा को जागृत कर लेते हैं, जो हमें बताती है कि कल की चिंता केवल एक भ्रम है।
ध्यान में बैठकर आप अपने हर विचार को छांटते हैं, आप अपने अंदर की आवाज़ सुनते हैं, और आप यह समझते हैं कि जीवन केवल वर्तमान में ही सार्थक है। साधना का यह अभ्यास आपको उस दिशा में ले जाता है, जहाँ आप अपने आप को महसूस करते हैं और अपने जीवन के हर क्षण को जीते हैं।
जब आप नियमित रूप से ध्यान और साधना का अभ्यास करते हैं, तो आप पाएंगे कि आपका मन धीरे-धीरे उन भविष्य की चिंताओं से मुक्त हो जाता है, जो आपको हमेशा आगे की चिंता में बाँधे रहती थीं। इस प्रकार, आप अपने जीवन में एक नई क्रांति का अनुभव करते हैं – एक ऐसी क्रांति जो आपको अपने असली स्व से जोड़ती है।
17. आंतरिक शांति का महत्व
आज वही कल है, उस संदेश का एक और पहलू है – आंतरिक शांति। जब हम भविष्य की चिंता में उलझकर अपने वर्तमान को खो देते हैं, तब हम अपने अंदर की उस अनंत शांति से दूर हो जाते हैं, जो हमारी आत्मा का सार है।
आंतरिक शांति वह अनमोल धरोहर है, जिसे प्राप्त करने के लिए हमें बाहरी दुनिया की चिंताओं को त्यागना होगा। यह शांति हमें बताती है कि असली मोक्ष, असली स्वतंत्रता हमारे अंदर ही है, न कि उन बाहरी उपलब्धियों में जिन्हें पाने के लिए हम अपनी आत्मा को बेच देते हैं।
जब आप अपनी आंतरिक शांति को अपनाते हैं, तो आपको पता चलता है कि कल की चिंता में समय व्यर्थ है। आप अपने अंदर की उस शांति को महसूस करते हैं, और यही शांति आपके जीवन को एक नई दिशा और अर्थ प्रदान करती है।
18. जीवन में निर्णय: वर्तमान को अपनाने का चुनाव
अंततः, जीवन में हम सभी को ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं जो हमारे भविष्य को आकार देते हैं। जब आप यह निर्णय लेते हैं कि अब से आप भविष्य की अनिश्चितताओं में उलझकर अपने आज को खोने नहीं देंगे, तो आप वास्तव में अपने जीवन की दिशा ही बदल देते हैं।
यह निर्णय आपको बताता है कि आप अपने जीवन को वर्तमान में जीना चाहते हैं – उस एक पल में, जहाँ हर चीज़ का असली अनुभव होता है। आप अपनी सारी चिंताओं को पीछे छोड़कर, अपने अंदर की अनंत शक्ति और शांति को अपनाने का संकल्प लेते हैं।
इस निर्णय का परिणाम यह होता है कि आप अपने जीवन में एक ऐसी क्रांति का अनुभव करते हैं, जहाँ आप अपने आप से सच्चे संवाद में प्रवेश करते हैं, अपने अंदर की ऊर्जा को जागृत करते हैं, और अपनी जिंदगी को उसी दिशा में मोड़ते हैं जो आपको असली मोक्ष और स्वतंत्रता की ओर ले जाती है।
19. जीवन का चमत्कार: वर्तमान में ही निहित
जीवन एक चमत्कार है, और यह चमत्कार केवल वर्तमान में ही निहित है। जब हम वर्तमान में जीते हैं, तो हम उस चमत्कार का अनुभव करते हैं, जो हर सांस, हर धड़कन में विद्यमान है।
आपके चारों ओर की हर चीज़ – चाहे वह प्रकृति का सौंदर्य हो, आपके प्रियजनों की मुस्कान हो, या आपके अपने अंदर की उस अनंत ऊर्जा का संचार हो – यह सब आपको यह याद दिलाते हैं कि असली जीवन वर्तमान में ही बसा है।
इसलिए, जब आप कल की चिंता में उलझकर अपने आज को खो देते हैं, तो आप उस अनंत चमत्कार से भी वंचित हो जाते हैं, जो हर पल आपके आसपास व्याप्त है। आज ही अपने अंदर झांकें, अपने वर्तमान को महसूस करें, और जानें कि यह पल आपके जीवन का असली उपहार है।
20. आंतरिक परिवर्तन: भविष्य की चिंता को छोड़ना
ओशो हमें यह बताते हैं कि असली परिवर्तन तभी संभव है जब हम अपने अंदर की चिंताओं, अपनी भविष्य की अनिश्चितताओं और अपनी मांगों को छोड़ देते हैं।
जब आप अपने आप से यह कहेंगे कि "अब मैं कल की चिंता छोड़ चुका हूँ, क्योंकि आज ही मेरा जीवन है," तो आप अपने आप में एक नया परिवर्तन देखेंगे। यह परिवर्तन आपके अंदर की उस गहरी ऊर्जा को जागृत कर देगा, जो आपको बताती है कि असली मोक्ष और स्वतंत्रता केवल वर्तमान में ही हैं।
इस आंतरिक परिवर्तन के माध्यम से, आप पाएंगे कि आपकी सारी चिंताएँ, आपकी सारी भविष्य की योजनाएँ केवल एक भ्रम थीं। अब आप अपने अंदर की शांति को अपनाएंगे, और यही वह परिवर्तन है, जो आपको असली जीवन की ओर अग्रसर करता है।
21. वर्तमान में जीने का अनुभव: एक व्यक्तिगत यात्रा
मेरे प्रिय साथियों,
हर व्यक्ति की यात्रा अद्वितीय होती है। कुछ लोग अपने जीवन में पहले से ही वर्तमान में जीने की कला को अपना लेते हैं, जबकि अन्य कल की चिंता में इतने उलझ जाते हैं कि वे अपने असली स्व से दूर हो जाते हैं।
इस यात्रा में, आपको अपने अंदर की उन जंजीरों को पहचानना होगा जो आपको भविष्य की चिंता में बाँध लेती हैं। आपको यह समझना होगा कि आपके अंदर की अनंत शक्ति और मौन ही वह स्रोत है, जिससे आप अपने असली जीवन का अनुभव कर सकते हैं।
अपने व्यक्तिगत अनुभवों में देखें – क्या आपने कभी महसूस किया है कि जब आप अपने आप में खो जाते हैं, तो आपको एक असीम शांति का अनुभव होता है? यही वह क्षण होता है जब आप वास्तव में वर्तमान में जी रहे होते हैं। अपने अनुभवों से सीखें, अपने अंदर की आवाज़ सुनें, और समझें कि कल की चिंता केवल एक भ्रम है।
22. वर्तमान में जीने का संदेश: एक आध्यात्मिक जागृति
ओशो की शिक्षाओं में निहित संदेश हमें यह बताता है कि जीवन का असली अर्थ केवल वर्तमान में ही महसूस किया जा सकता है।
जब आप अपने अंदर की उस अनंत ऊर्जा को पहचान लेते हैं, तो आपको एहसास होता है कि कल की चिंता में समय व्यर्थ है। वर्तमान में जीना आपके लिए एक आध्यात्मिक जागृति का संदेश है – यह आपको उस मोक्ष की ओर ले जाता है, जो आपकी आत्मा में हमेशा से छुपा हुआ था।
यह जागृति आपको बताती है कि असली स्वतंत्रता और असली शांति आपके अंदर है, न कि भविष्य की अनिश्चितताओं में। जब आप इस जागृति को अपनाते हैं, तो आप अपने जीवन को एक नई दिशा में मोड़ देते हैं, जहाँ कल की फिक्र की जगह वर्तमान की चमक होती है।
23. वर्तमान के क्षणों में छुपी अनंत संभावनाएं
हर पल, हर क्षण आपके अंदर अनंत संभावनाओं का भंडार है। वर्तमान का हर क्षण आपके जीवन का एक नया अध्याय है, एक नई कहानी है।
जब आप अपने वर्तमान के क्षणों को पूरी तरह से जीते हैं, तो आप पाएंगे कि आपकी जिंदगी में कितनी सुंदरता और सहजता निहित है। आप महसूस करेंगे कि जो कल की चिंता में खो जाते हैं, वे वास्तव में उस अनंत ऊर्जा से दूर हो जाते हैं, जो आपके अंदर सदैव मौजूद रहती है।
इसलिए, अपने हर दिन को एक नई शुरुआत मानें, हर पल को जीने का संकल्प लें, और यह समझें कि वर्तमान में ही आपकी असली पहचान, आपकी असली स्वतंत्रता और आपके असली मोक्ष की कुंजी है।
24. आत्मा की पुकार: वर्तमान में सुनें
जब आप अपने अंदर की गहराई में उतरते हैं, तो आपको अपनी आत्मा की पुकार सुनाई देती है।
यह पुकार आपको बताती है कि कल की चिंता में उलझकर आप अपने अंदर की उस अनंत शांति से दूर हो रहे हैं। यह पुकार आपके लिए एक संदेश है – "आज ही जीओ, क्योंकि आज ही तुम्हारा जीवन है।"
जब आप इस पुकार को सुनते हैं, तो आप समझ जाते हैं कि असली खुशी, असली स्वतंत्रता, और असली मोक्ष केवल वर्तमान में ही अनुभव किए जा सकते हैं। अपने दिल की सुनें, अपने अंदर की पुकार को महसूस करें, और उस मौन को अपनाएं, जो आपके जीवन का वास्तविक सार है।
25. वर्तमान में जीने की प्रेरणा
आज, इस प्रवचन के माध्यम से मैं आप सभी से यही कहना चाहता हूँ कि अपने जीवन में वर्तमान में जीने का संकल्प लें।
कल की चिंता छोड़कर, आज के इस क्षण को पूरी तरह से जीने का निर्णय लें। अपनी हर सांस में, हर धड़कन में उस अनंत ऊर्जा को महसूस करें, जो आपकी आत्मा से निकलती है।
यह प्रेरणा आपको बताती है कि जीवन का असली आनंद और असली मोक्ष केवल वर्तमान में ही है। जब आप वर्तमान को अपनाते हैं, तो आप अपने अंदर की उस गहरी शांति, उस असीम ऊर्जा से जुड़ जाते हैं, जो आपको बताती है – "जीवन तुम्हारे पास है, इसे जी लो।"
26. परिवर्तन का आह्वान: कल की फिक्र छोड़ो, आज में जियो
प्रिय साथियों,
यह एक स्पष्ट आह्वान है – कल की फिक्र छोड़ो, आज में जियो। जब आप अपने अंदर की उस अनंत शक्ति को पहचान लेते हैं, तो आप पाएंगे कि भविष्य की चिंता केवल एक मानसिक भ्रम है।
अपने जीवन के हर पल को एक नए उत्साह, एक नई ऊर्जा के साथ जीने का संकल्प लें। यह परिवर्तन आपके लिए एक आत्मिक क्रांति का संदेश है, जो आपको बाहरी मांगों और भविष्य की चिंताओं से मुक्त कर देता है।
इस परिवर्तन को अपनाएं, अपने मन की उन जंजीरों को तोड़ दें, और अपने अंदर की अनंत शांति को अपनाने का प्रण लें। यही वह बदलाव है, जो आपको असली मोक्ष, असली स्वतंत्रता की ओर ले जाता है।
27. समापन: वर्तमान में जीने का अंतिम संदेश
अंत में, मेरे प्रिय साथियों, मैं आप सभी से यह कहना चाहता हूँ कि
"आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!"
यह संदेश हमें यह सिखाता है कि भविष्य की चिंता में उलझकर हम अपने आज की अनमोल क्षणभंगुरता को खो देते हैं।
हमारी असली शक्ति, हमारी असली स्वतंत्रता, और हमारी असली खुशी हमारे अंदर ही निहित है – वह शांति, वह ऊर्जा, और वह मौन, जिसे हम वर्तमान में ही अनुभव कर सकते हैं।
इसलिए, आज से ही यह संकल्प लें कि आप अपने जीवन को वर्तमान में जीएंगे। आप अपनी हर सांस में उस अनंत ऊर्जा को महसूस करेंगे, उस मौन को अपनाएंगे, और अपने आप से कहेंगे – "अब से मैं कल की चिंता छोड़कर आज में जीऊँगा।"
यह वह मार्ग है, जो आपको असली मोक्ष और असली स्वतंत्रता की ओर ले जाएगा। अपने आप को मुक्त करें, अपने अंदर की पुकार सुनें, और वर्तमान के हर पल को पूरी तरह से जीएं।
28. आत्मिक जागृति: वर्तमान में समाहित हो जाओ
प्रिय साथियों,
जब आप अपने जीवन में वर्तमान में जीने का संकल्प ले लेते हैं, तो आपकी आत्मिक जागृति अपने आप प्रकट हो जाती है।
आपकी आत्मा उस मौन में बोल उठती है, जहाँ किसी भी कल की चिंता का कोई स्थान नहीं रहता। यह जागृति आपको बताती है कि आप वास्तव में कौन हैं, और आपकी असली पहचान क्या है।
इस आत्मिक जागृति के साथ, आप हर उस भ्रम को तोड़ देते हैं, जो आपको भविष्य की चिंता में उलझाए रखता था। आप अपने अंदर की उस अनंत शांति, उस मौन से जुड़ जाते हैं, जो आपके जीवन का असली सार है।
यही वह जागृति है, जो आपको बताती है – "तुम्हारी जिंदगी अब यहाँ है, अभी है, और यही सबसे महत्वपूर्ण है।" इस जागृति को अपनाओ, और अपने जीवन को उसी मौलिक ऊर्जा से भर दो।
29. एक नई सुबह का संकल्प
हर नई सुबह आपके लिए एक नई शुरुआत है। जब आप सुबह की पहली किरण के साथ जागते हैं, तो अपने आप से यह संकल्प लें कि आज ही आप अपने वर्तमान में पूरी तरह से जीएंगे।
हर सुबह एक नया संदेश लाती है – "जी लो, क्योंकि यह पल अनमोल है।" इस संदेश को अपने दिल में उतार लें और इसे अपने पूरे दिन में फैलने दें।
आप देखेंगे कि जब आप हर सुबह अपने अंदर की अनंत ऊर्जा को जागृत करने का प्रण लेते हैं, तो आपका पूरा दिन एक नई ऊर्जा, एक नई चेतना से भर जाता है। यही वह ऊर्जा है, जो आपको बताती है कि कल की चिंता में समय व्यर्थ है, और वर्तमान ही असली जीवन है।
30. समापन और अंतिम आह्वान
मेरे प्रिय साथियों,
आज हमने एक गहरे सत्य पर विचार किया है – कि "आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!" यह उद्धरण हमें यह याद दिलाता है कि भविष्य की चिंता में उलझकर हम अपने आज को खो देते हैं।
हमारे अंदर की अनंत ऊर्जा, हमारी आत्मा का मौन, यही हमारे जीवन का असली सार है। जब हम वर्तमान में जीते हैं, तो हम उस अनंत शांति का अनुभव करते हैं, जो केवल वर्तमान में ही निहित है।
इसलिए, आज से ही अपने आप से वादा करें कि आप कल की चिंता छोड़कर अपने आज में जीएंगे। अपने अंदर की पुकार सुनें, ध्यान में लीन हों, और हर पल को पूरी तरह से जीने का संकल्प लें।
यह आपका असली विकास है, यह आपकी आत्मिक क्रांति है, और यही वह मार्ग है जो आपको असली मोक्ष और स्वतंत्रता की ओर ले जाएगा।
जय हो उस जागृति की, जय हो उस मौन की, जय हो उस स्वतंत्रता की जो आपके अंदर छुपी है!
अंतिम विचार:
जीवन में केवल एक ही सत्य है – वर्तमान। कल की चिंता में उलझकर हम अपने अंदर छुपी अनंत ऊर्जा और शांति को खो देते हैं। ओशो की शिक्षाएँ हमें यही कहती हैं कि असली मोक्ष, असली स्वतंत्रता और असली आनंद केवल वर्तमान में ही मिलते हैं।
अपने आप से यह कहें – "अब से मैं केवल वर्तमान में जीऊँगा, क्योंकि यही मेरी जिंदगी है।" इस निर्णय से, आप अपने अंदर की उस अनंत ऊर्जा को जागृत कर लेंगे, और आप देखेंगे कि आपकी सारी चिंताएँ, सारी मांगें, और सारी भविष्य की योजनाएँ बस एक भ्रम हैं।
इस प्रवचन के माध्यम से मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूँ कि आप अपने जीवन के हर पल को पूरी संवेदना से महसूस करें, अपने अंदर की उस अनंत शांति को पहचानें, और अपने आप से सच्चे संवाद में प्रवेश करें।
याद रखिए, भविष्य की चिंता केवल एक भ्रम है, और वर्तमान में ही आपकी असली शक्ति निहित है।
आज ही से यह संकल्प लें – कल की फिक्र छोड़ो, आज में जियो, और अपनी आत्मा की पुकार सुनो।
धन्यवाद, प्रिय साथियों,
आओ, हम सब मिलकर वर्तमान में जीने की इस कला को अपनाएं, अपने अंदर की अनंत ऊर्जा को महसूस करें, और अपनी जिंदगी को उसी मौलिक शांति और स्वतंत्रता से भर दें, जो वास्तव में हमारे असली स्व की पहचान है।
समापन में:
इस प्रवचन का संदेश यही है कि जीवन का असली सार वर्तमान में ही है। कल की चिंता में उलझकर हम अपने अंदर की उस अनंत शक्ति को नष्ट कर देते हैं, जो हमें असली मोक्ष, असली स्वतंत्रता और असली आनंद प्रदान करती है।
आज ही से अपने आप को मुक्त करें, अपने मन की उन जंजीरों को तोड़ दें, और वर्तमान में जीने का संकल्प लें। आपकी जिंदगी का हर पल, हर सांस, एक नया अवसर है – एक ऐसा अवसर जो आपको आपकी आत्मा के गहरे सत्य से जोड़ता है।
"आज वही कल है, जिस कल की फिक्र, तुम्हे कल थी!" – इस गूढ़ संदेश को अपने दिल में बिठाएं, और अपने जीवन को उसी दिशा में मोड़ें, जहाँ हर क्षण एक नई ऊर्जा, एक नई चेतना और एक नई स्वतंत्रता का संदेश लाता है।
जय हो आपकी आत्मिक जागृति की, जय हो उस मौन की, जय हो उस शांति की जो आपके अंदर छुपी है!
यह प्रवचन आपको निमंत्रण देता है कि आप कल की चिंता को छोड़कर अपने आज को पूरी तरह से अपनाएं, अपने अंदर की अनंत ऊर्जा और शांति को महसूस करें, और उसी मौलिक आनंद में जीएं जो जीवन का असली सार है।
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