मंदिर के बाहर लिखा था अपने सामान की सुरक्षा खुद करे! -ओशो

मई 08, 2025
 नमस्कार मित्रों,   आज हम एक बहुत ही अद्भुत विडंबना पर ध्यान लगाएँगे — एक ही मंदिर में दो विरोधाभासी संदेश: बाहर लिखा था “अपने सामान की सुरक...

हमें ठीक का कोई पता नहीं है, जो बुद्धि कहती है, उसी को हम ठीक मानते हैं। -ओशो

मई 06, 2025
  इस प्रवचन में हम ओशो की उस उक्ति पर चिंतन करेंगे जहां वे कहते हैं कि “बहुत बार लगता है कि बुद्धि बिलकुल ठीक कह रही है। चूंकि हमें ठीक का क...

तुम्हारी मान्यता छोटी मोटी बात नहीं है। ओशो

अप्रैल 19, 2025
 नीचे प्रस्तुत है एक विस्तृत प्रवचन बताता है कि कैसे हमारे अपने विश्वास – चाहे वे सकारात्मक हों या नकारात्मक – हमारे जीवन की घटनाओं, बीमारिय...

सूर्य ग्रहण से तुम्हारा क्या लेना देना? अस्तित्व का ही हिस्सा है जैसे कि तुम! ओशो

अप्रैल 18, 2025
 नीचे प्रस्तुत है एक विस्तृत प्रवचन, जिसमें सूर्य ग्रहण जैसी प्राकृतिक घटनाओं के प्रतीकात्मक अर्थ और हमारे अस्तित्व के गहरे सम्बंध का विश्ले...

आत्म-सम्मान और आत्म-प्रेम के महत्व!-ओशो

अप्रैल 05, 2025
नीचे प्रस्तुत है एक विस्तृत प्रवचन, जो आत्म-सम्मान और आत्म-प्रेम के महत्व पर आधारित है। यह प्रवचन आत्म-जागरूकता, ध्यान और अपने अद्वितीय स्वभ...
Blogger द्वारा संचालित.