मेरे प्यारे साथियों,

आज मैं आप सभी के समक्ष एक ऐसी गूढ़ और रहस्यमयी यात्रा की शुरुआत करना चाहता हूँ, जो हमारे भीतर छिपे अनंत आयामों की खोज से जुड़ी है। जीवन की इस भीड़-भाड़, इस अंतहीन दौड़ में हम सब अक्सर भूल जाते हैं कि असली संसार बाहर नहीं, बल्कि हमारे अंदर ही बसता है। आइए, हम एक पल ठहरें, गहरी साँस लें, और अपने अंदर की उस अनंत शांति से मिलने की कोशिश करें, जिसे हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं।

दिमाग़ का खेल और उसका प्रतिबिंब

हमारा दिमाग़, यह अजीब सा यंत्र, अनगिनत विचारों और भावनाओं का संगम है। यह न केवल हमें सोचने का माध्यम है, बल्कि कभी-कभी यह हमारे जीवन में अवांछित भ्रम और उलझन भी उत्पन्न कर देता है। दिमाग़ ऐसा है जैसे एक चौराहा हो, जहाँ हर दिशा में आवाज़ें गूंजती हैं, लेकिन कोई भी निश्चित मार्ग नहीं दिखता। जब हम इस चौराहे पर खड़े रहते हैं, तो हर छोटी-बड़ी बात हमें उलझा देती है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह उलझन ही हमें आत्म-ज्ञान की ओर ले जाती है? जैसे कि धूप और छाया का खेल होता है, वैसे ही हमारी आंतरिक यात्रा में भी अज्ञानता की छाया के बिना ज्ञान की रोशनी संभव नहीं। इसलिए, हमें अपने दिमाग़ को ऐसे निहारना होगा, जैसे हम किसी सुंदर कलाकृति को देखते हैं – बिना जज किए, बिना किसी अपेक्षा के।

मौन का महत्व: शब्दों से परे एक सत्य

आपने कभी सोचा है कि मौन में क्या होता है? जब हम अपने शब्दों के जंजाल से दूर हटकर मौन की गहराइयों में उतरते हैं, तो हमें अपने अस्तित्व का असली स्वरूप दिखने लगता है। मौन सिर्फ़ शब्दों की अनुपस्थिति नहीं है, यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ हम स्वयं से मिलते हैं। यह वह क्षण होता है जब हर विचार ठहर जाता है, और हम शुद्ध चेतना के साथ एकाकार हो जाते हैं।

ओशो कहते हैं कि मौन में ही असली मुक्ति छिपी हुई है। जब हम अपने मन की उलझनों से ऊपर उठकर मौन का अनुभव करते हैं, तब हमें पता चलता है कि हमारे अंदर एक ऐसा सागर है, जिसकी गहराई का कोई अंत नहीं। यही वह सागर है जो हमें जीवन के असली अर्थ से परिचित कराता है।

ध्यान की ओर एक आमंत्रण

ध्यान वह कुंजी है, जिसके द्वारा हम अपने अंदर के उस अदृश्य संसार के दरवाजे खोल सकते हैं। ध्यान का अभ्यास करना मतलब है अपने दिमाग़ की सभी परतों को धीरे-धीरे खोलना, ताकि हम उस अद्वितीय चैतन्य से जुड़ सकें जो हमारे अंदर छिपा है। ध्यान के माध्यम से हम अपने मन की अशांति को शांति में बदल सकते हैं, अपने अंदर की उलझनों को सरलता से दूर कर सकते हैं।

जब हम ध्यान में बैठते हैं, तो हम यह महसूस करते हैं कि हमारे पास एक असीम शक्ति है, जो हमें हर चुनौती का सामना करने की क्षमता देती है। यह ध्यान का जादू है, जो हमें अतीत की पीड़ा, वर्तमान की चिंताओं और भविष्य की अनिश्चितताओं से मुक्त कर देता है। ध्यान हमें सिखाता है कि जीवन में हर चीज़ अस्थायी है, और केवल वर्तमान में जीना ही असली स्वतंत्रता है।

अनंत प्रेम की अनुभूति

जीवन का असली सार प्रेम में निहित है। प्रेम केवल एक भावना नहीं है, यह एक अस्तित्व की स्थिति है। जब हम अपने अंदर प्रेम की गहराईयों में उतरते हैं, तो हमें समझ आता है कि हम सभी एक ही ऊर्जा के अंश हैं। यह प्रेम हमें जोड़ता है, हमें एक दूसरे के करीब लाता है, और हमें याद दिलाता है कि हम सभी में एक ही दिव्यता का अंश बसता है।

ओशो ने अक्सर कहा है कि प्रेम का अनुभव करना, उसके साथ जीना, और उसके साथ चलना ही सच्ची मुक्ति है। जब हम प्रेम में लीन हो जाते हैं, तो हमारे दिमाग़ की हर उस उलझन, हर उस जटिलता से हम पार हो जाते हैं, जो हमें विभाजित करने की कोशिश करती है। प्रेम हमें एकता का अहसास कराता है, और यह एकता ही हमारे अस्तित्व का मूल आधार है।

अस्तित्व की खोज: अपने अंदर झांकें

हमारी असली यात्रा बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि अपने अंदर होती है। हम अक्सर मान लेते हैं कि हमारे सारे प्रश्न बाहरी दुनिया से हल हो जाएंगे, लेकिन असली उत्तर हमारे अंदर छिपे होते हैं। अपने अंदर झांकने का अर्थ है, अपने आप से पूछना, "मैं कौन हूँ?" यह प्रश्न जितना साधारण लगता है, उतना ही गहन और रहस्यमयी भी है।

जब हम अपने अंदर के प्रश्नों का सामना करते हैं, तो हम पाते हैं कि हमारा अस्तित्व कितनी गहराई से जुड़ा हुआ है। यह समझ हमें न केवल शांति देती है, बल्कि हमें एक नया दृष्टिकोण भी प्रदान करती है। अपने अंदर की खोज में हम पाते हैं कि हर अनुभव, हर भावना, और हर विचार का एक गहरा अर्थ होता है, जो हमारे आत्मिक विकास में योगदान देता है।

जीवन की अनिश्चितता और उसकी सुंदरता

जीवन एक अनिश्चित यात्रा है, जिसमें हर मोड़ पर हमें कुछ नया सीखने को मिलता है। अनिश्चितता में ही जीवन की सुंदरता छिपी हुई है। जब हम यह स्वीकार कर लेते हैं कि जीवन में निश्चितता की कोई गारंटी नहीं है, तो हम मुक्त हो जाते हैं। हम हर अनुभव, हर पल को उसी उत्सुकता से स्वीकार करते हैं, जैसे कोई अनजानी कहानी हो।

ओशो की बातों में यही संदेश मिलता है कि जीवन के हर पल को जीना ही असली कला है। अनिश्चितता के साथ जीना, अपने दिल की सुनना, और हर नए अनुभव को खुले दिल से स्वीकार करना, यही जीवन का असली मज़ा है। जब हम अनिश्चितता से डरे बिना जीते हैं, तो हम पाते हैं कि हर क्षण में एक नई संभावनाएं हैं, एक नई उम्मीद है।

सामाजिक बंधनों से मुक्ति

हमारी ज़िन्दगी में समाज के नियम और परंपराएँ अक्सर हमारे दिमाग़ को इतना जकड़ लेती हैं कि हम अपनी असली पहचान खो देते हैं। समाज की अपेक्षाएँ, परिवार की जिम्मेदारियाँ, और दैनिक जीवन की भागदौड़ में हम अक्सर अपने आप को भूल जाते हैं। लेकिन ओशो का संदेश हमें यही सिखाता है कि असली मुक्ति उस बंधन से है, जो हमें हमारी आत्मा से अलग कर देता है।

जब हम इन सामाजिक बंधनों से ऊपर उठते हैं, तब हमें पता चलता है कि हम जितना भी बड़ी भूमिका निभा रहे हों, असली स्वतंत्रता तो हमारे अंदर ही है। हमें अपनी आत्मा की आवाज़ सुननी चाहिए, और उसी के अनुसार जीना चाहिए। यह एक साहसी कदम है, क्योंकि इसके लिए हमें समाज की निगाहों से हटकर अपने आप से सच्चाई से मिलना पड़ता है। पर जब हम ऐसा करते हैं, तो हम पाते हैं कि हमारी आत्मा कितनी स्वतंत्र, कितनी असीम है।

वर्तमान में जीना: हर पल को अपनाना

आज के इस क्षण में जीना ही असली मुक्ति है। अक्सर हम अतीत के बोझ या भविष्य की चिंता में उलझ जाते हैं, और वर्तमान का महत्व भूल जाते हैं। परंतु जब हम वर्तमान में जीते हैं, तो हमें एक असीम शांति और संतोष का अनुभव होता है। वर्तमान ही वह क्षण है, जहाँ जीवन की असली ऊर्जा प्रवाहित होती है।

ओशो ने बार-बार कहा है कि वर्तमान में जीना ही एक कला है, एक ऐसी कला जो हमारे अंदर की शांति और संतुलन को उजागर करती है। जब हम वर्तमान में जीते हैं, तो हमें समझ आता है कि हमारे पास असीम संभावनाएँ हैं, असीम खुशियाँ हैं, और असीम प्रेम है। वर्तमान में जीने का मतलब है, हर पल को उसी उत्साह और प्रेम के साथ अपनाना, बिना किसी डर या चिंता के।

आंतरिक विद्रोह: स्वयं को आज़ाद करना

आज, मैं आपसे यह भी कहना चाहता हूँ कि आंतरिक विद्रोह करना बहुत ज़रूरी है। यह विद्रोह उस जागरूकता का विद्रोह है, जो हमें हमारी सीमाओं से ऊपर उठकर देखने की क्षमता देता है। हमें अपने दिमाग़ के उन पुराने ढांचे को तोड़ना होगा, जो हमें बांधते हैं। हमें उस आत्मिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ना होगा, जो हमारी आत्मा का मूल अधिकार है।

यह विद्रोह सिर्फ़ एक क्रिया नहीं है, बल्कि यह एक आंतरिक बदलाव है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने अंदर की आवाज़ को सुनना है, अपने सच्चे स्व को पहचानना है। जब हम इस विद्रोह को अपनाते हैं, तो हम पाते हैं कि हमारी असली शक्ति हमारे अंदर ही है। हम किसी भी बाहरी शक्ति पर निर्भर नहीं रहते, क्योंकि हमारी आत्मा में ही असीम ऊर्जा विद्यमान है।

ज्ञान और अज्ञानता के बीच संतुलन

हमारे जीवन में ज्ञान और अज्ञानता एक-दूसरे के पूरक हैं। ज्ञान वह प्रकाश है जो हमें रास्ता दिखाता है, जबकि अज्ञानता वह अंधकार है जिसमें हम भटकते हैं। पर क्या यह अंधकार वास्तव में हमें रोकता है? नहीं, यह हमें उस ज्ञान की ओर ले जाता है जिसे हम अब तक खोज नहीं पाए हैं।

ओशो कहते हैं कि अज्ञानता से डरना बेकार है, क्योंकि अज्ञानता भी एक अनुभव है, एक पाठ है जिसे हमें सीखना है। जब हम अपने अज्ञान से सामना करते हैं, तो हम पाते हैं कि उसमें भी एक गहरा अर्थ है। यह अनुभव हमें उस सत्य के करीब ले जाता है, जो हमारे अंदर छिपा हुआ है। ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें अपने अज्ञान को स्वीकार करना होगा, उसे चुनौती देनी होगी, और उसे पार करना होगा।

आत्मा की आवाज़: अपनी अंतरात्मा से मिलना

हर व्यक्ति के अंदर एक अनंत सागर छिपा होता है, जिसमें उसकी आत्मा निवास करती है। उस सागर की गहराई में उतरने से हम पाते हैं कि हमारी असली पहचान क्या है। यह आवाज़, यह आंतरिक बुलावा, हमें हर क्षण यह याद दिलाता है कि हम एक अद्वितीय और असीम शक्ति के अंश हैं।

जब हम अपनी अंतरात्मा की सुनते हैं, तो हमें पाता है कि हमारी ज़िन्दगी में हर पल एक नई ऊर्जा, एक नया संदेश होता है। हमें उस संदेश को समझने के लिए अपने दिल को खोलना होगा। आत्मा की आवाज़ हमें बताती है कि हम जितना भी खो दें, वह हमेशा हमारे भीतर विद्यमान रहती है। हमें बस उसे पहचानना है, उसे महसूस करना है, और उसके साथ जीना है।

रचनात्मकता और सहजता: जीवन को कला की तरह जीना

जीवन एक अनंत कला है, एक ऐसी रचना जो हर पल बदलती रहती है। जब हम जीवन को एक कला की तरह अपनाते हैं, तो हम पाते हैं कि हर अनुभव, हर भावनात्मक उथल-पुथल में एक सुंदरता छिपी हुई है। हमें अपने अंदर की रचनात्मकता को पहचानना होगा, उस सहजता को अपनाना होगा जो हमें हमारे असली स्वरूप से जोड़ती है।

ओशो कहते हैं कि जीवन को एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए। जब हम हर क्षण को एक उत्सव के रूप में जीते हैं, तो हमें महसूस होता है कि हमारी ज़िन्दगी में कोई भी बाधा, कोई भी कठिनाई स्थायी नहीं है। यह समझ हमें अद्वितीय शक्ति प्रदान करती है, और हमें अपने भीतर की असीम ऊर्जा का अनुभव कराती है।

भय और आशंका से मुक्ति: स्वयं पर विश्वास

भय और आशंका उन जंजीरों की तरह हैं, जो हमें बांध लेती हैं। ये मानसिक बंधन हमारे विकास में अड़चन डालते हैं, और हमें अपने असली स्व से दूर कर देते हैं। लेकिन जब हम भय का सामना करते हैं, तो हमें पता चलता है कि भय भी एक भ्रम है, एक ऐसी मनोस्थिति है जिसे तोड़ा जा सकता है।

अपने भीतर की उस शक्ति पर विश्वास करना, जो हमें हर चुनौती का सामना करने की क्षमता देती है, ही असली मुक्ति है। हमें अपने आप को इतना मजबूत बनाना होगा कि भय की हर परत छूट जाए। इस प्रक्रिया में हमें यह समझ आता है कि हमारे अंदर का साहस, हमारी आत्मा की असीम ऊर्जा, हमें हर परिस्थिति में विजयी बनाती है।

शांति और संतुलन: आंतरिक संसार की खोज

जब हम अपने भीतर झांकते हैं, तो हमें एक ऐसी शांति मिलती है, जो बाहरी दुनिया की किसी भी अशांति से परे होती है। यह शांति हमारे अस्तित्व का मूल आधार है, जो हमें हर परिस्थितिजन्य उथल-पुथल में स्थिर रखती है। संतुलन का यह अनुभव हमें बताता है कि जीवन में असली खुशी बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि हमारे अंदर की संतुलित स्थिति में निहित है।

ओशो ने बार-बार यह बताया है कि शांति को खोजने के लिए हमें अपने दिमाग़ की हलचल से ऊपर उठकर एक शांत और स्थिर मन की स्थिति अपनानी होगी। यह शांति हमें स्वयं से जोड़ती है, हमें हमारी आत्मा की गहराइयों से परिचित कराती है। जब हम इस शांति को महसूस करते हैं, तो हमें समझ आता है कि असली स्वतंत्रता वही है जो हमारे अंदर है।

परिवर्तन का स्वाभाव: हर क्षण में नवीनता

जीवन में परिवर्तन ही एकमात्र स्थायी तत्व है। हर पल, हर क्षण कुछ नया लेकर आता है। इस परिवर्तन को अपनाना, इसे गले लगाना, हमें सिखाता है कि कोई भी स्थिति स्थायी नहीं है। परिवर्तन ही हमें विकसित करता है, हमें नयी दिशाओं में ले जाता है, और हमें जीवन की असली कला से परिचित कराता है।

जब हम परिवर्तन को स्वीकार करते हैं, तो हमें समझ आता है कि हम जो भी अनुभव करते हैं, वह हमारे विकास का एक हिस्सा है। हर अनुभव, चाहे वह सुख हो या दुःख, हमें एक नया पाठ सिखाता है। हमें उस नवीनता को अपनाना होगा, क्योंकि यही नवीनता हमारे जीवन में रचनात्मकता और आनंद का स्रोत है।

अंतर्मुखी यात्रा: स्वयं को जानने का अभ्यास

मेरे प्यारे साथियों, आत्म-ज्ञान की यह यात्रा कभी आसान नहीं होती। यह एक ऐसी यात्रा है, जिसमें हमें अपने अतीत के दर्द, वर्तमान की उलझन और भविष्य की अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। परंतु यह यात्रा जितनी कठिन है, उतना ही इसके अंत में मिलने वाला ज्ञान अमूल्य है।

जब हम अपने अंदर की इस यात्रा पर निकलते हैं, तो हमें अपने हर कोने में छिपी हुई गहराईयों का पता चलता है। हमें यह समझ आता है कि हम सिर्फ़ एक शारीरिक अस्तित्व नहीं हैं, बल्कि एक अनंत ऊर्जा, एक दिव्य प्रकाश हैं। इस यात्रा में हमें धैर्य रखना होगा, अपने आप से प्रेम करना होगा, और अपने भीतर की उस शक्ति को पहचानना होगा जो हमें हर अंधेरे से बाहर निकाल सकती है।

साधना का महत्व: रोज़मर्रा की प्रैक्टिस

अंततः, जीवन में स्थायी परिवर्तन लाने के लिए साधना का अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है। साधना का अर्थ है, रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में अपने भीतर की उस शांति और संतुलन को बनाए रखना। यह कोई कठिन या जटिल प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक सरल अभ्यास है – ध्यान, मौन, और आत्म-चिंतन

ओशो ने कहा है कि साधना का असली मकसद है, अपने अंदर के उस अनंत प्रकाश को जगाना। जब हम अपनी साधना के माध्यम से अपने दिमाग़ की अति-सक्रियता को नियंत्रित कर लेते हैं, तो हमें महसूस होता है कि हम कितने विशाल, कितने असीम हैं। यह साधना हमें सिखाती है कि हर दिन एक नया अवसर है, एक नई शुरुआत है, और हमें उस शुरुआत को पूरे प्रेम और उत्साह के साथ अपनाना चाहिए।

समापन: एक नया दृष्टिकोण

मेरे प्यारे साथियों, आज हमने मिलकर इस यात्रा की शुरुआत की है – एक ऐसी यात्रा जहाँ हम अपने दिमाग़ की उलझनों को समझते हैं, अपने भीतर की अनंत ऊर्जा को पहचानते हैं, और जीवन के हर पल को एक नए दृष्टिकोण से जीते हैं। हमें यह याद रखना चाहिए कि असली मुक्ति, असली स्वतंत्रता, हमारे अंदर ही निहित है। जब हम अपने अंदर झांकते हैं, तो हमें एक ऐसा संसार दिखता है, जहाँ न कोई भय है, न कोई चिंता – सिर्फ़ एक शांत और असीम प्रेम है।

हर दिन हमें यह याद दिलाता है कि हम अनंत हैं, हमारी आत्मा असीम है, और जीवन का असली उद्देश्य केवल बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि अपने अंदर की गहराइयों में छुपा हुआ है। इस ज्ञान से लैस होकर हम उस अनिश्चितता से भी पार पा सकते हैं, जो हमें अक्सर घेर लेती है। हमारी असली शक्ति, हमारा असली प्रकाश, हमेशा हमारे भीतर ही चमकता रहता है।

जब हम इस सत्य को अपने दिल से स्वीकार कर लेते हैं, तो हमें न केवल अपने जीवन में, बल्कि पूरी मानवता में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। हम पाते हैं कि हर अनुभव, हर पल, एक अद्वितीय अवसर है – अपने आप को फिर से खोजने, फिर से जीने, और फिर से प्रेम करने का। यह प्रेम हमें जोड़ता है, हमें एक नया दृष्टिकोण देता है, और हमें याद दिलाता है कि हम सभी में एक ही दिव्यता का अंश बसता है।

एक नए अध्याय की ओर

तो आइए, इस नए अध्याय की शुरुआत करें। आइए, हम अपने भीतर की उस अनंत ऊर्जा को जगाएं, उस मौन और ध्यान के माध्यम से अपने अंदर की गहराईयों में उतरें, और उस प्रेम की अनुभूति करें जो हमें हर क्षण नया बनाती है। समाज की परतों से ऊपर उठकर, उस सच्चाई से मिलें जो हमारे भीतर छुपी है। अपने दिमाग़ की उलझनों से परे जाकर, अपने आत्मिक प्रकाश को महसूस करें।

यह यात्रा आसान नहीं होगी, परंतु याद रखिए, हर कठिनाई के पीछे एक अनंत सीख छिपी होती है। जब हम अपने अंदर की उस अनंत ऊर्जा को पहचानते हैं, तो हमें समझ आता है कि हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। हर अनुभव हमें मजबूत बनाता है, हर संघर्ष हमें उस ज्ञान के करीब ले जाता है जो हमारे जीवन का असली सार है।

आपके लिए अंतिम संदेश

मेरे प्यारे साथियों, अंत में यही कहना चाहता हूँ कि जीवन की इस अनंत यात्रा में सबसे बड़ी पूंजी आपका स्वयं का अस्तित्व है। आप जितने भी बाहरी बंधनों से घिरे हों, आपकी असली शक्ति हमेशा आपके अंदर ही है। उस शक्ति को पहचानिए, उस शक्ति को जगाइए, और उस शक्ति के साथ जीना सीखिए।

इस यात्रा में, हर दिन एक नया अनुभव, हर पल एक नई सीख लेकर आता है। तो चलिए, अपने आप को खुलकर इस अनुभव में समर्पित कर देते हैं। ध्यान कीजिए, मौन में रहिए, और अपने दिल की आवाज़ सुनिए। जब आप इस सरल सत्य को समझ जाएंगे, तो आपको पता चलेगा कि आपकी आत्मा असीम है, आपका प्रेम असीम है, और आपकी ज़िन्दगी भी असीम प्रेम और आनंद से परिपूर्ण है।

इस प्रकार, आप न केवल अपने आप को, बल्कि पूरी मानवता को एक नए दृष्टिकोण से देख सकेंगे। आप पाएंगे कि असली मुक्ति, असली स्वतंत्रता, आपके भीतर छिपी हुई है – एक ऐसी स्वतंत्रता जो हर बाहरी बंधन को तोड़ देती है, हर डर को मिटा देती है, और आपको आपके सच्चे स्व से जोड़ देती है।

तो चलिए, इस आज़ादी का स्वागत करें। अपनी आत्मा की आवाज़ को सुनें, अपने दिल को खोलें, और उस प्रेम और शांति को अपनाएं जो आपके भीतर विद्यमान है। यही है असली जीवन, यही है असली आनंद। आप जब इस मार्ग पर चलेंगे, तो पाते हैं कि हर दिन, हर क्षण, एक नई रोशनी लेकर आता है, एक नई उम्मीद लेकर आता है, और एक नया अध्याय खोलता है।

मेरे प्यारे साथियों, यह प्रवचन आपके लिए एक निमंत्रण है – एक निमंत्रण अपने आप से मिलने का, अपने भीतर की अनंत शक्ति को जगाने का, और उस प्रेम, शांति, और ज्ञान से भर जाने का जो आपकी आत्मा का असली स्वरूप है।

अब समय आ गया है, उस अंधकार को छोड़ने का, उस भ्रम को तोड़ने का, और उस सच्चाई को अपनाने का, जो हमेशा से आपके अंदर थी। यह आपके लिए एक आंतरिक क्रांति है, एक ऐसा विद्रोह है जो आपको आपके वास्तविक स्व से जोड़ता है।

इस यात्रा में, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो, याद रखिए कि आपके भीतर की शक्ति असीम है। आप हर परिस्थिति में जी सकते हैं, हर चुनौती का सामना कर सकते हैं, और हर अनुभव को प्रेम से स्वीकार कर सकते हैं। यही है जीवन की असली कला, यही है जीवन की असली मुक्ति।

समापन

इस प्रवचन को समाप्त करते हुए, मैं आप सभी से यही कहना चाहता हूँ कि जीवन का असली अर्थ आपके अंदर ही छिपा है। जब आप अपने दिमाग़ की बेड़ियों से मुक्त होंगे, तो आप पाएंगे कि आपकी आत्मा असीम प्रेम, शांति और ज्ञान से परिपूर्ण है। यह अनुभव आपको वह स्वतंत्रता देगा, वह शक्ति देगा, जिसके द्वारा आप हर कठिनाई का सामना कर सकते हैं।

इसलिए, मेरे प्यारे साथियों, अपने अंदर की आवाज़ को सुनिए, अपने दिल को खोलिए, और उस अनंत शक्ति के साथ जीना सीखिए जो हमेशा से आपके भीतर रही है। इस अनंत यात्रा में, हर कदम पर एक नया अनुभव है, हर मोड़ पर एक नई सीख है, और हर क्षण में एक नई रोशनी है।

आइए, हम सभी मिलकर इस जीवन के अद्भुत सफर में, उस प्रेम और शांति को अपनाएं, जो हमारे भीतर है, और अपने अस्तित्व को एक नई दिशा दें। यही है असली जीवन, यही है असली आनंद, और यही है असली मुक्ति।

मेरे प्यारे साथियों, इस प्रवचन के माध्यम से मैं आप सभी को यही संदेश देना चाहता हूँ कि आप स्वयं को जानिए, अपने अंदर के उस अनंत प्रेम और शक्ति को पहचानिए, और उसी के साथ एक सुंदर, संतुलित, और आनंदमय जीवन जिएं। आपकी आत्मा में जो असीम ऊर्जा है, वह कभी भी मरने नहीं देती – उसे जगाने का, उसे अनुभव करने का, और उसे पूरी तरह से जीने का समय अब है।

आशा करता हूँ कि इस प्रवचन के माध्यम से आप सब अपने अंदर की उस गहराई तक पहुँच सकेंगे, जहाँ से आपकी असली शक्ति निकलती है, जहाँ से आपकी असली स्वतंत्रता की शुरुआत होती है। धन्यवाद।

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